क्रिकेट मैच में पहले के समय से ही लाल रंग कि गेंद को इस्तेमाल किया जाता है
टेस्ट क्रिकेट, घरेलु क्रिकेट और प्रथम श्रीणी क्रिकेट में भी लाल रंग कि गेंद को इस्तेमाल में लिया जाता है।
लाल रंग कि गेंद को सफ़ेद रंग के धागे से सीला जाता है।
28 नवंबर 1978 को ऑस्ट्रेलिया और वेस्टंडीज के बीच मैच में पहली बार वाइट रंग की गेंद का इस्तेमाल किया गया।
सफेद रंग की गेंद का इस्तेमाल वन डे और टी-20 क्रिकेट में किया जाता है,
खिलाड़ियों को फ्लड लाइट में खेले जाने वाले मैच में गेंद आसानी से दिखाई देती है.
सिर्फ डे-नाइट टेस्ट मैच में ही गुलाबी रंग की गेंद का इस्तेमाल किया जाता है।
जिससे रात में भी खिलाड़ियों को गेंद आसानी से दिखाई दे सके
जुलाई 2009 में पहली बार ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैण्ड की महिला टीम के बीच वनडे मैच में गुलाबी रंग की गेंद का इस्तेमाल किया गया था
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